डायबिटीज (मधुमेह): कारण, लक्षण, जांच, उपचार और संपूर्ण देखभाल
डायबिटीज यानी मधुमेह आज भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ने वाली बीमारी है। आधुनिक जीवनशैली, असंतुलित आहार, तनाव और शारीरिक गतिविधि की कमी इसकी प्रमुख वजह हैं। समय पर पहचान और सही उपचार से इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।
Mahatma Gandhi Institute of Medical Sciences, Hisar में हम डायबिटीज के मरीजों को सम्पूर्ण चिकित्सा, जागरूकता और Lifestyle Management प्रदान करते हैं।
इस ब्लॉग में आप जानेंगे:
-
डायबिटीज क्या है?
-
इसके प्रकार
-
शुरुआती और उन्नत लक्षण
-
इसकी जांच कैसे होती है?
-
उपचार और प्रबंधन
-
आहार व जीवनशैली के तरीके
-
मिथक और सत्य
-
सामान्य प्रश्न (FAQs)
डायबिटीज क्या है?
डायबिटीज एक मेटाबॉलिक बीमारी है जिसमें ब्लड शुगर (ग्लूकोज़) का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। इसका मुख्य कारण है शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कमी या उसका सही तरह से काम न करना।
इंसुलिन शरीर में क्या करता है?
-
यह शुगर को कोशिकाओं में जाने में मदद करता है
-
ऊर्जा उत्पादन के लिए जरूरी है
-
ब्लड ग्लूकोज़ को नियंत्रित करता है
जब इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में न बने या कोशिकाएँ इंसुलिन को पहचानना बंद कर दें, तब शुगर खून में जमा होने लगता है और डायबिटीज की स्थिति बनती है।
डायबिटीज के प्रकार
1. टाइप-1 डायबिटीज
-
Autoimmune विकार
-
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली Pancreas की कोशिकाओं पर हमला करती है
-
इंसुलिन बनना लगभग बंद
-
बच्चों और युवाओं में अधिक देखने को मिलता है
2. टाइप-2 डायबिटीज
-
सबसे सामान्य प्रकार
-
शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता (Insulin Resistance)
-
बढ़ता वजन, तनाव, अनियमित जीवनशैली मुख्य कारण
-
ज्यादातर केस इसी प्रकार के होते हैं
3. गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes)
-
गर्भावस्था में होने वाली डायबिटीज
-
Delivery के बाद शुगर सामान्य भी हो सकती है
-
भविष्य में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ाता है
4. प्री-डायबिटीज
-
शुगर सामान्य से थोड़ी अधिक, पर डायबिटीज के स्तर तक नहीं
-
Life-style बदलकर इसे पूरी तरह रोका जा सकता है
डायबिटीज के लक्षण (Symptoms)
प्रारंभिक लक्षण
-
अत्यधिक प्यास लगना
-
बार-बार पेशाब आना
-
वजन तेजी से घटना
-
ज्यादा भूख लगना
-
अत्यधिक थकान
-
घाव देर से भरना
-
आँखों से धुंधला दिखना
उन्नत लक्षण
-
पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी
-
बार-बार इंफेक्शन
-
त्वचा संबंधी समस्याएँ
-
फेफड़ों, आंखों, किडनी और दिल पर असर
अगर आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो अपने नजदीकी विशेषज्ञ से तुरंत परामर्श लें।
डायबिटीज होने के मुख्य कारण
1. जेनेटिक फैक्टर (Genetic Factor)
-
परिवार में डायबिटीज होने पर जोखिम बढ़ जाता है।
2. लाइफस्टाइल फैक्टर
-
ज्यादा कैलोरी वाला भोजन
-
फास्ट फूड की आदत
-
शारीरिक गतिविधि की कमी
-
मोटापा
-
तनाव
3. अन्य कारण
-
हार्मोनल बदलाव
-
PCOS
-
गर्भावस्था में शुगर बढ़ना
-
कुछ दवाइयाँ
डायबिटीज की जांच (Diagnosis)
Mahatma Gandhi Institute of Medical Sciences, Hisar में डायबिटीज की व्यापक और सटीक जांच उपलब्ध है।
1. फास्टिंग ब्लड शुगर (FBS)
-
खाली पेट शुगर लेवल पता चलता है।
2. पोस्ट-प्रांडियल ब्लड शुगर (PPBS)
-
भोजन के 2 घंटे बाद शुगर।
3. HbA1c टेस्ट
-
पिछले 3 महीनों का औसत शुगर स्तर।
4. रैंडम ब्लड शुगर
5. Urine टेस्ट
6. अतिरिक्त जांच (जरूरत पर)
-
किडनी और लिवर फंक्शन
-
कोलेस्ट्रॉल
-
आँखों की जांच
-
पैरों की Sensation टेस्ट
डायबिटीज का उपचार (Treatment & Management)
डायबिटीज का उपचार व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है। यहाँ MGIMS में मरीजों को Personalized Treatment प्रदान किया जाता है।
1. Lifestyle Management
-
संतुलित आहार
-
नियमित व्यायाम
-
तनाव कम करना
-
वजन नियंत्रण
2. दवाईयां
-
ब्लड शुगर नियंत्रित रखने के लिए डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाइयाँ
3. इंसुलिन थेरेपी
-
टाइप-1 डायबिटीज में आवश्यक
-
टाइप-2 में भी जरूरत पड़ने पर
4. नियमित मॉनिटरिंग
-
शुगर लेवल चेक
-
HbA1c हर 3 महीने
-
पैरों और आंखों की जांच
डायबिटीज में क्या खाएं – डायट गाइड
खाने योग्य चीज़ें
-
हरी सब्जियाँ
-
ज्वार, बाजरा, गेहूँ
-
फलियाँ, चना, दाल
-
लो-फैट दूध
-
फाइबर युक्त आहार
-
मौसमी फल (सीमित मात्रा में)
बचने योग्य चीज़ें
-
चीनी
-
मिठाई और मीठे पेय
-
तले हुए खाद्य पदार्थ
-
मैदा
-
जंक फूड
-
अधिक चावल
डायबिटीज मरीजों के लिए दैनिक आदतें
-
रोज 30–45 मिनट तेज walk
-
भोजन नियमित समय पर
-
पर्याप्त नींद
-
पानी रोज 2–3 लीटर
-
सिगरेट और शराब से दूरी
-
स्ट्रेस कम रखें
डायबिटीज से जुड़े मिथक और तथ्य
❌ मिथक: डायबिटीज में फल बिल्कुल नहीं खाने चाहिए
✔️ तथ्य: सीमित मात्रा में Low GI फल खाए जा सकते हैं।
❌ मिथक: डायबिटीज दवा शुरू करते ही जीवनभर लेनी पड़ेगी
✔️ तथ्य: Lifestyle सुधारने पर दवा कम भी हो सकती है—पर डॉक्टर की सलाह से ही।
❌ मिथक: केवल मोटे लोगों को डायबिटीज होता है
✔️ तथ्य: पतले लोगों में भी Insulin Resistance हो सकता है।
❌ मिथक: घरेलू नुस्खे डायबिटीज खत्म कर देते हैं
✔️ तथ्य: कोई भी नुस्खा इसे खत्म नहीं करता—बस नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
Mahatma Gandhi Institute of Medical Sciences, Hisar — डायबिटीज के लिए बेहतर देखभाल
-
अनुभवी Internal Medicine Specialists
-
Advanced Diagnostic Lab
-
Comprehensive Diabetes Care
-
Diet & Lifestyle Counselling
-
Eye & Foot Examination
-
Emergency सुविधा
MGIMS का उद्देश्य है—
“सही उपचार, सही जागरूकता और सही समय पर देखभाल।”
FAQs — डायबिटीज के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. क्या डायबिटीज पूरी तरह ठीक हो सकती है?
डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी है, जिसे नियंत्रित किया जा सकता है। सही उपचार से व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है।
Q2. क्या इंसुलिन लगाने से आदत पड़ जाती है?
नहीं, इंसुलिन शरीर में बनने वाला प्राकृतिक हार्मोन है, इसका कोई नशा नहीं होता।
Q3. क्या डायबिटीज में चावल खा सकते हैं?
सीमित मात्रा में और ब्राउन राइस या फाइबर सहित लें तो बेहतर है।
Q4. क्या प्री-डायबिटीज ठीक हो सकता है?
हाँ, समय पर लाइफस्टाइल बदलकर इसे पूरी तरह रिवर्स किया जा सकता है।
Q5. क्या मीठा पूरी तरह छोड़ना ज़रूरी है?
नहीं, लेकिन बहुत सीमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह के अनुसार।
📍 Mahatma Gandhi Institute of Medical Sciences, Hisar
🏠 ITI Chowk, Behind Hari Palace, Tosham Road, Hisar
📞 99902-64611 | 99924-87111
🌐 www.mgimsharyana.com
