पित्ताशय की पथरी (Gallbladder Stone) – कारण, लक्षण और इलाज

क्या आप पित्ताशय की पथरी से परेशान हैं?

आजकल की बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान और व्यायाम की कमी के कारण पित्ताशय की पथरी (Gallbladder Stone) एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है। यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों को हो सकती है, लेकिन महिलाओं में इसकी संभावना अधिक होती है। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है।


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पित्ताशय की पथरी (Gallstones): अब और नहीं सताएगी!

 

पित्ताशय की पथरी यानी गॉलब्लैडर स्टोन (Gallstones) एक आम लेकिन अत्यंत कष्टदायक समस्या है, जो आजकल हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है। जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल या बिलिरुबिन की मात्रा असामान्य हो जाती है, तो वह क्रिस्टल बनकर धीरे-धीरे पत्थर के रूप में जमने लगती है। ये पत्थर आकार में छोटे से लेकर बड़े हो सकते हैं और समय रहते इलाज न किया जाए तो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

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महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिज, हिसार: पेशाब और गुर्दे की हर समस्या का भरोसेमंद समाधान

आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में बढ़ता तनाव, असंतुलित आहार और अनियमित जीवनशैली ने स्वास्थ्य से जुड़ी अनेक समस्याओं को जन्म दिया है। इनमें से एक प्रमुख समस्या है - गुर्दा (किडनी), मूत्राशय (ब्लैडर) और प्रोस्टेट से जुड़ी बीमारियाँ। अगर इनका सही समय पर इलाज न किया जाए, तो ये गंभीर रूप ले सकती हैं।


लेकिन अब घबराने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिज, हिसार में इन समस्याओं का संपूर्ण और भरोसेमंद इलाज उपलब्ध है। यहां आधुनिक तकनीकों और अनुभवी यूरोलॉजिस्ट्स की टीम के साथ हर रोगी को व्यक्तिगत देखभाल मिलती है।


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🏥 अपेंडिक्स की समस्या: नजरअंदाज़ न करें पेट के दाएं हिस्से का दर्द

एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या, जिसका सही समय पर इलाज है ज़रूरी


आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में पेट दर्द को कई बार हल्के में ले लिया जाता है। लेकिन अगर यह दर्द पेट के दाएं निचले हिस्से में लगातार बना रहे, तो यह अपेंडिसाइटिस (Appendicitis) हो सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें अपेंडिक्स में सूजन आ जाती है और यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो यह फट सकता है, जो जानलेवा भी हो सकता है।


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लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: कम दर्द, तेज़ रिकवरी

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिसार में आधुनिक उपचार सुविधा

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, जिसे 'कीहोल सर्जरी' भी कहा जाता है, एक अत्याधुनिक शल्य चिकित्सा पद्धति है जिसमें छोटे चीरों के माध्यम से ऑपरेशन किया जाता है। यह पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में कम दर्दनाक होती है और मरीजों की रिकवरी भी तेज़ी से होती है। महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिसार (MGIMS Hisar) में अत्याधुनिक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है, जिससे मरीजों को सर्वोत्तम इलाज मिल सके।

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के फायदे:

✅ छोटे चीरे – परंपरागत सर्जरी की तुलना में छोटे चीरे होने से संक्रमण का खतरा कम रहता है।
✅ कम दर्द – ऑपरेशन के बाद कम दर्द होता है और दर्दनिवारक दवाओं की आवश्यकता भी कम होती है।
✅ तेज़ रिकवरी – मरीज जल्दी ठीक हो जाता है और सामान्य जीवनशैली में शीघ्र लौट सकता है।
✅ कम अस्पताल में भर्ती रहने की आवश्यकता – अधिकतर मामलों में मरीज को 24 से 48 घंटे में अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।
✅ कम जख्म और निशान – शरीर पर बहुत कम या न के बराबर निशान रह जाते हैं।

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी द्वारा उपचारित बीमारियां:

🔹 गॉलब्लैडर स्टोन (पित्ताशय की पथरी)
🔹 हर्निया (छोटी व बड़ी आंतों से जुड़ी समस्याएं)
🔹 अपेंडिक्स (अंधाशय में सूजन)
🔹 महिलाओं से जुड़ी समस्याएं (ओवरी सिस्ट, फाइब्रॉइड आदि)
🔹 पेट और आंतों की अन्य बीमारियां

आधुनिक तकनीक और अनुभवी विशेषज्ञ

MGIMS, हिसार में अनुभवी डॉक्टरों और अत्याधुनिक तकनीकों द्वारा लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाती है। यहां की विशेषज्ञ टीम मरीजों को संपूर्ण देखभाल और बेहतरीन इलाज प्रदान करती है।

आयुष्मान भारत योजना और कैशलेस बीमा सुविधा उपलब्ध

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिसार में आयुष्मान भारत योजना और अन्य कैशलेस बीमा सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों को आर्थिक रूप से भी राहत मिलती है।

 

हमसे संपर्क करें :

📍 पता: ITI चौक, हरी पैलेस के पीछे, तोशाम रोड, हिसार

📞 संपर्क करें: 99902-64611 | 99924-87111

🌐 वेबसाइट: www.mgimsharyana.com

 

पिताशय की पथरी का इलाज – महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिसार

पिताशय की पथरी (Gallbladder Stone)

एक सामान्य समस्या है, जिसमें पिताशय में ठोस पदार्थ जमा होकर पथरी का निर्माण करते हैं। यह समस्या अक्सर पेट के दाईं तरफ तेज दर्द, जी मिचलाना, उल्टी, पाचन संबंधी समस्याएं, और त्वचा और आंखों में पीलापन (पीलिया) जैसे लक्षणों से प्रकट होती है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह जटिलताओं का कारण बन सकता है।

 

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (MGIMS), हिसार में पिताशय की पथरी का अत्याधुनिक और सुरक्षित इलाज उपलब्ध है।

 

यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम द्वारा अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक तकनीकें जैसे अल्ट्रासाउंड और अन्य जांच विधियों का उपयोग करके पथरी की सटीक स्थिति का पता लगाया जाता है।

 

छोटी पथरियों के लिए मेडिसिन के जरिए इलाज संभव हो सकता है, लेकिन बड़ी पथरियों के मामलों में सर्जरी आवश्यक हो सकती है। MGIMS में लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी (Laparoscopic Cholecystectomy) का सफलतापूर्वक उपयोग किया जाता है, जो एक न्यूनतम आक्रामक सर्जरी होती है।

 

इस सर्जरी में छोटे चीरे लगाकर पथरी को हटाया जाता है, जिससे मरीज को जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है और अस्पताल में कम समय बिताना पड़ता है।

 

MGIMS, हिसार में विशेषज्ञता और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ, मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाती हैं। यहाँ का वातावरण और अनुभवी चिकित्सक आपकी समस्या का समग्र समाधान सुनिश्चित करते हैं।

 

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिज, हिसार पर आयुष्मान और कैशलेस/बीमा की सुविधा उपलब्ध है।

 

अपनों के बेहतरीन इलाज के लिए विजिट करें : आईटीआई, चौक, हरि पैलेस के पीछे, तोशाम रोड, हिसार-125001 या अपना परामर्श बुक करने के लिए 99902-64611, 99924-87111 पर कॉल करें।