fbpx
24 1 - धूम्रपान निषेध दिवस: एक संकल्प स्वस्थ जीवन की ओर-uncategorized-

धूम्रपान निषेध दिवस: एक संकल्प स्वस्थ जीवन की ओर

हर साल 31 मई को मनाया जाने वाला धूम्रपान निषेध दिवस हमें एक महत्वपूर्ण संदेश देता है: धूम्रपान छोड़ें और स्वस्थ जीवन जीएं। धूम्रपान आज के समय में सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, और इसके प्रभाव से न केवल धूम्रपान करने वाले व्यक्ति बल्कि उनके परिवार और समाज भी प्रभावित होते हैं।

इस विशेष अवसर पर, मैं, डॉ. रमेश बिश्नोई, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिज के कैंसर चिकित्सक के रूप में, आप सभी से इस विनाशकारी आदत को छोड़ने का आग्रह करता हूँ।

 

धूम्रपान के दुष्प्रभाव अत्यंत गंभीर और जीवन-धमकाने वाले होते हैं। फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, और कई अन्य जानलेवा बीमारियों का प्रमुख कारण तंबाकू सेवन है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, तंबाकू के उपयोग से हर साल लगभग 8 मिलियन लोगों की मृत्यु होती है, जिसमें 1.2 मिलियन लोग ऐसे होते हैं जो स्वयं धूम्रपान नहीं करते, लेकिन धूम्रपान करने वालों के संपर्क में आने से प्रभावित होते हैं।

 

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिज में, हम धूम्रपान से होने वाले खतरों के प्रति जागरूकता फैलाने और लोगों को इस आदत से छुटकारा दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। हमारे संस्थान में नि:शुल्क परामर्श सेवाएं, निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी, और सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं, ताकि लोग धूम्रपान छोड़ने में सफल हो सकें।

 

धूम्रपान छोड़ना एक कठिन कार्य हो सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है। इसके लिए मजबूत इच्छाशक्ति और सही समर्थन की आवश्यकता होती है। हम यहां MGIMS में यह सुनिश्चित करते हैं कि हर व्यक्ति को आवश्यक सहायता और संसाधन मिलें ताकि वे धूम्रपान छोड़ सकें और एक स्वस्थ जीवन जी सकें।

 

इस धूम्रपान निषेध दिवस पर, मैं आप सभी से अनुरोध करता हूँ कि आप धूम्रपान के खतरों को गंभीरता से समझें और इसे छोड़ने का संकल्प लें। अपने प्रियजनों को भी इस दिशा में प्रोत्साहित करें। याद रखें, धूम्रपान केवल आपकी ही नहीं, बल्कि आपके आसपास के लोगों की स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है।

 

हम सभी मिलकर धूम्रपान मुक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं। एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य के लिए, आइए हम सभी इस धूम्रपान निषेध दिवस पर एक संकल्प लें कि हम तंबाकू से दूर रहेंगे और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे।

 

डॉ. रमेश बिश्नोई, कैंसर चिकित्सक
महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

For security, use of Google's reCAPTCHA service is required which is subject to the Google Privacy Policy and Terms of Use.

I agree to these terms.

Search

+

You cannot copy content of this page