‘स्वस्थ’ नाक, ‘कान’ ‘गला’, खुशहाल जीवन का आधार!
नाक, कान और गले (ईएनटी) के रोगों का उपचार कई तरीकों से किया जा सकता है, जो रोग की गंभीरता और प्रकार पर निर्भर करता है।
कुछ सामान्य उपचारों में शामिल हैं:

एंटीबायोटिक्स: जीवाणु संक्रमण के इलाज के लिए, जैसे कि कान का संक्रमण, साइनस संक्रमण, या गले में खराश।
एंटीहिस्टामाइन्स: एलर्जी के लक्षणों को कम करने के लिए, जैसे कि नाक बहना, छींक आना, या खुजली।
कॉर्टिकोस्टेरॉइड: सूजन को कम करने के लिए, जैसे कि साइनसाइटिस या एलर्जी के कारण नाक बंद होना।
डिकॉन्गेस्टेंट: नाक बंद होने और सांस लेने में तकलीफ को कम करने के लिए।
दर्द निवारक: दर्द और सूजन को कम करने के लिए, जैसे कि कान में दर्द या गले में खराश।

आराम: पर्याप्त आराम करना महत्वपूर्ण है, खासकर यदि आपको बुखार या थकान है।
तरल पदार्थों का सेवन: खूब सारे तरल पदार्थ पीना, जैसे कि पानी, सूप, या जूस, नाक और गले के श्लेष्मा को पतला करने में मदद कर सकता है।
गरारे करना: गर्म नमक के पानी से गरारे करना गले में खराश को कम करने में मदद कर सकता है।
भाप लेना: भाप लेने से नाक बंद होने और सांस लेने में तकलीफ को कम करने में मदद मिल सकती है।
नमक का पानी: नाक की नलियों को साफ करने के लिए नमक के पानी का घोल नाक में डाल सकते हैं।

सर्जरी: कुछ मा
मलों में, सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, जैसे कि टॉन्सिल को हटाना, कान के पर्दे की मरम्मत करना, या नाक की हड्डी को सीधा करना।

फिजियोथेरेपी: कान या गले की सर्जरी के बाद, फिजियोथेरेपी गति और कार्य को बहाल करने में मदद कर सकती है।
यह महत्वपूर्ण है कि आप किसी भी नाक, कान और गले की समस्या के लिए महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिज, आईटीआई चौक, हरि पैलेस के पीछे, तोशाम रोड, हिसार में विजिट करें चिकित्सक से सलाह लें और उनकी दिशा निर्देशों का पालन करें। ताकि वे आपके रोग का सही निदान कर सकें और आपको उचित उपचार दे सकें।
