सर्वाइकल कैंसर का संपूर्ण इलाज अब हिसार में: डॉ. रमेश बिश्नोई के साथ स्वस्थ जीवन की ओर
सर्वाइकल कैंसर भारतीय महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है, जो एचपीवी वायरस के संक्रमण से जुड़ा है। समय पर निदान और उपचार से इसके प्रभाव को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। हिसार के महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (MGIMS) में डॉ. रमेश बिश्नोई जैसे विशेषज्ञ इसके उन्नत इलाज को सुलभ बना रहे हैं। आइए जानते हैं इस बीमारी और इलाज के विकल्पों के बारे में:
सर्वाइकल कैंसर: लक्षण और निदान
प्रारंभिक लक्षण: अधिकांश मामलों में शुरुआती चरणों में लक्षण नहीं दिखते। उन्नत अवस्था में योनि से असामान्य रक्तस्राव (मासिक धर्म के बीच या रजोनिवृत्ति के बाद), दुर्गंधयुक्त डिस्चार्ज, पेल्विक दर्द, या संभोग के दौरान दर्द हो सकता है।
निदान: पैप स्मीयर टेस्ट, एचपीवी डीएनए टेस्ट, कोल्पोस्कोपी, और बायोप्सी द्वारा कैंसर की पुष्टि की जाती है। नियमित स्क्रीनिंग से शुरुआती चरण में ही बीमारी का पता लगाया जा सकता है ।
उपचार के आधुनिक तरीके
सर्वाइकल कैंसर का इलाज कैंसर के चरण, रोगी की उम्र और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है:
सर्जरी : प्रारंभिक चरण में गर्भाशय ग्रीवा के प्रभावित हिस्से को हटाना। डॉ. बिश्नोई रोबोटिक और मिनिमली इनवेसिव सर्जरी में विशेषज्ञ हैं, जो तेजी से रिकवरी और कम जटिलताओं के साथ की जाती है।
रेडिएशन थेरेपी : उच्च-ऊर्जा एक्स-रे से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। स्टेज IVA में कीमोथेरेपी के साथ संयोजन प्रभावी है।
कीमोथेरेपी : उन्नत चरणों में लक्षणों को नियंत्रित करने और जीवनकाल बढ़ाने के लिए।
लक्षित थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी : बेवाकिज़ुमैब जैसी दवाएं ट्यूमर को बढ़ने से रोकती हैं।
डॉ. रमेश बिश्नोई :विशेषज्ञता और अनुभव
योग्यता : एमबीबीएस, एमएस (सर्जिकल ऑन्कोलॉजी),
AIIMS और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई से प्रशिक्षण।
विशेषज्ञता : रोबोटिक सर्जरी, थोरैकोस्कोपिक प्रक्रियाएं, ऑर्गन प्रिजर्वेशन, और कॉम्प्लेक्स रिकंस्ट्रक्शन 48।
अस्पताल सुविधाएं : MGIMS में मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, हाई-टेक ICU, और बायोसेफ्टी के साथ कीमोथेरेपी यूनिट उपलब्ध 4।
क्यों चुनें MGIMS और डॉ. बिश्नोई को?
आयुष्मान भारत योजना : कैशलेस उपचार और बीमा सुविधा से वित्तीय बोझ कम
रोगी-केंद्रित देखभाल : अनुभवी नर्सिंग स्टाफ और व्यक्तिगत उपचार योजना।
संपर्क पता:
ITI चौक, तोशाम रोड, हिसार। फोन: 99902-64611, 99924-87111
निवारक उपाय और संदेश
एचपीवी वैक्सीन: 9-26 वर्ष की लड़कियों/महिलाओं को लगवाना चाहिए।
नियमित जांच: 21 वर्ष की उम्र के बाद हर 3 साल में पैप टेस्ट और 30 वर्ष के बाद एचपीवी टेस्ट कराएं।
जागरूकता: धूम्रपान छोड़ें, सुरक्षित यौन संबंध, और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखें।
निष्कर्ष
सर्वाइकल कैंसर अब एक लाइलाज बीमारी नहीं है। डॉ. रमेश बिश्नोई और MGIMS की टीम के पास इसके उन्नत इलाज के लिए आवश्यक तकनीक और अनुभव है। समय पर जांच और सही उपचार से आप इस बीमारी को हरा सकती हैं। स्वस्थ जीवन की ओर यह पहला कदम आज ही उठाएं!
🌐 अधिक जानकारी के लिए: www.mgimsharyana.com
📞 अपॉइंटमेंट बुक करें: 99902-64611 | 99924-87111