Cancer से लेकर Ortho तक—सभी इलाज एक ही छत के नीचे! MGIMS Hisar

100 Bedded & Full NABH Accredited Multispeciality Hospital


हिसार शहर में विश्वसनीय एवं उन्नत चिकित्सा सेवाओं के लिए प्रसिद्ध Mahatma Gandhi Institute of Medical Sciences (MGIMS) एक ऐसा नाम है जिसने स्वास्थ्य क्षेत्र में नई पहचान बनाई है। 100+ बिस्तरों वाला, NABH Accredited, पूर्ण रूप से मॉडर्न मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल—MGIMS हर उम्र के मरीजों के लिए समर्पित स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करता है।


आधुनिकीकरण, अनुभव और करुणा—इन तीन स्तंभों पर आधारित यह अस्पताल हिसार और आस-पास के जिलों के लोगों की पहली पसंद बन चुका है।


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पित्ताशय की पथरी (Gallstones): अब और नहीं सताएगी!

 

पित्ताशय की पथरी यानी गॉलब्लैडर स्टोन (Gallstones) एक आम लेकिन अत्यंत कष्टदायक समस्या है, जो आजकल हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है। जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल या बिलिरुबिन की मात्रा असामान्य हो जाती है, तो वह क्रिस्टल बनकर धीरे-धीरे पत्थर के रूप में जमने लगती है। ये पत्थर आकार में छोटे से लेकर बड़े हो सकते हैं और समय रहते इलाज न किया जाए तो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

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लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: कम दर्द, तेज़ रिकवरी

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिसार में आधुनिक उपचार सुविधा

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, जिसे 'कीहोल सर्जरी' भी कहा जाता है, एक अत्याधुनिक शल्य चिकित्सा पद्धति है जिसमें छोटे चीरों के माध्यम से ऑपरेशन किया जाता है। यह पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में कम दर्दनाक होती है और मरीजों की रिकवरी भी तेज़ी से होती है। महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिसार (MGIMS Hisar) में अत्याधुनिक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है, जिससे मरीजों को सर्वोत्तम इलाज मिल सके।

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के फायदे:

✅ छोटे चीरे – परंपरागत सर्जरी की तुलना में छोटे चीरे होने से संक्रमण का खतरा कम रहता है।
✅ कम दर्द – ऑपरेशन के बाद कम दर्द होता है और दर्दनिवारक दवाओं की आवश्यकता भी कम होती है।
✅ तेज़ रिकवरी – मरीज जल्दी ठीक हो जाता है और सामान्य जीवनशैली में शीघ्र लौट सकता है।
✅ कम अस्पताल में भर्ती रहने की आवश्यकता – अधिकतर मामलों में मरीज को 24 से 48 घंटे में अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।
✅ कम जख्म और निशान – शरीर पर बहुत कम या न के बराबर निशान रह जाते हैं।

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी द्वारा उपचारित बीमारियां:

🔹 गॉलब्लैडर स्टोन (पित्ताशय की पथरी)
🔹 हर्निया (छोटी व बड़ी आंतों से जुड़ी समस्याएं)
🔹 अपेंडिक्स (अंधाशय में सूजन)
🔹 महिलाओं से जुड़ी समस्याएं (ओवरी सिस्ट, फाइब्रॉइड आदि)
🔹 पेट और आंतों की अन्य बीमारियां

आधुनिक तकनीक और अनुभवी विशेषज्ञ

MGIMS, हिसार में अनुभवी डॉक्टरों और अत्याधुनिक तकनीकों द्वारा लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाती है। यहां की विशेषज्ञ टीम मरीजों को संपूर्ण देखभाल और बेहतरीन इलाज प्रदान करती है।

आयुष्मान भारत योजना और कैशलेस बीमा सुविधा उपलब्ध

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिसार में आयुष्मान भारत योजना और अन्य कैशलेस बीमा सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों को आर्थिक रूप से भी राहत मिलती है।

 

हमसे संपर्क करें :

📍 पता: ITI चौक, हरी पैलेस के पीछे, तोशाम रोड, हिसार

📞 संपर्क करें: 99902-64611 | 99924-87111

🌐 वेबसाइट: www.mgimsharyana.com

 

जनरल सर्जरी: शरीर की बेहतरी के लिए आधुनिक समाधान

जनरल सर्जरी चिकित्सा विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है, जो शरीर के विभिन्न अंगों की समस्याओं का सर्जिकल उपचार प्रदान करती है। चाहे अपेंडिसाइटिस हो, गॉलब्लैडर स्टोन, हर्निया, या अन्य जटिल सर्जिकल समस्याएं, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (MGIMS), हिसार में अत्याधुनिक तकनीक और अनुभवी डॉक्टरों की देखरेख में बेहतरीन उपचार उपलब्ध है।
जनरल सर्जरी में MGIMS का योगदान

🌟 अत्याधुनिक तकनीक : MGIMS में लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जरी जैसी उन्नत तकनीकें उपलब्ध हैं, जो मरीजों के दर्द को कम करने और तेजी से ठीक होने में मदद करती हैं।
🌟 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम : यहां अनुभवी और कुशल डॉक्टर हैं, जो हर जटिल समस्या का समाधान सुनिश्चित करते हैं।
🌟 संपूर्ण देखभाल : सर्जरी के पहले और बाद की देखभाल के लिए विशेष प्रबंधन सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो मरीजों की तेजी से रिकवरी में सहायक हैं।
सुविधाओं में एक कदम आगे

💳 आयुष्मान भारत योजना और कैशलेस बीमा : MGIMS में मरीजों के लिए आर्थिक रूप से सहज उपचार की सुविधा है। कैशलेस बीमा विकल्प और आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाकर मरीज बिना किसी वित्तीय बोझ के अपना इलाज करवा सकते हैं।

  • जनरल सर्जरी के प्रमुख उपचार

  • अपेंडिसाइटिस का इलाज

  • गॉलब्लैडर स्टोन और पित्ताशय की समस्याएं

  • हर्निया सर्जरी

  • त्वचा और टिशू संबंधित रोगों का इलाज

  • आंतरिक रक्तस्राव और ट्यूमर का उपचार

  • MGIMS के साथ बेहतर स्वास्थ्य की ओर कदम बढ़ाएं


MGIMS, हिसार का उद्देश्य है कि हर मरीज को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएं। आधुनिक तकनीक, विशेषज्ञता, और देखभाल के साथ यह संस्थान क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।

🏥 पता: ITI चौक, हरी पैलेस के पीछे, तोशाम रोड, हिसार
📞 संपर्क करें: 99902-64611 | 99924-87111
🌐 वेबसाइट: www.mgimsharyana.com

 

सटीकता, देखभाल, रिकवरी – सामान्य सर्जरी में उत्कृष्टता : MGIMS

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (MGIMS), हिसार में जनरल सर्जरी चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई जाती है। यह अस्पताल जटिल और सामान्य सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं और कुशल चिकित्सकों की सेवाएं प्रदान करता है।

डॉ. उदित चौधरी जैसे विशेषज्ञ सर्जन, मरीजों की सुरक्षा और सफल सर्जरी के लिए समर्पित हैं। यहाँ के जनरल सर्जरी विभाग में पेट, हर्निया, अपेंडिक्स, गॉल ब्लैडर, और थाइरोइड से जुड़ी सर्जरी प्रमुख रूप से की जाती हैं।

 

जनरल सर्जरी में विशेषज्ञता

MGIMS, हिसार का जनरल सर्जरी विभाग पेट और आंतों से जुड़ी बीमारियों, पित्ताशय की पथरी, हर्निया, और ट्यूमर जैसी जटिल स्थितियों का सफल इलाज करता है। यहाँ मरीजों की सेहत को प्राथमिकता दी जाती है, और उनके लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। डॉ. उदित चौधरी के नेतृत्व में, सर्जिकल टीम हर मरीज के लिए व्यक्तिगत देखभाल और समर्पण के साथ काम करती है।

 

आयुष्मान और कैशलेस/बीमा की सुविधा

 

MGIMS, हिसार में मरीजों के लिए आयुष्मान भारत योजना और अन्य कैशलेस बीमा सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। यह विशेष सुविधा उन मरीजों के लिए अत्यधिक लाभकारी है, जो आर्थिक दृष्टि से कमजोर होते हैं या जिनके पास स्वास्थ्य बीमा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत योग्य मरीजों को मुफ्त में सर्जिकल सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जिससे उनकी आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं और उन्हें उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवाएं मिलती हैं।

 

कैशलेस बीमा की सुविधा से मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने से लेकर सर्जरी तक का खर्च बीमा द्वारा कवर किया जाता है, जिससे उन्हें इलाज के दौरान आर्थिक चिंताओं से मुक्ति मिलती है। MGIMS का यह प्रयास है कि हर वर्ग के लोग स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें और उन्हें इलाज के दौरान किसी भी प्रकार की वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े।

 

मरीजों की देखभाल और रिकवरी

जनरल सर्जरी के बाद मरीजों की देखभाल MGIMS में अत्यधिक सावधानी और परामर्श के साथ की जाती है। ऑपरेशन से पहले और बाद में मरीजों को आवश्यक मार्गदर्शन और चिकित्सा सहायता प्रदान की जाती है ताकि उनकी रिकवरी प्रक्रिया सुचारू और सुरक्षित हो सके।

 

निष्कर्ष

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिसार जनरल सर्जरी के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक और कुशल चिकित्सकों के साथ मरीजों को उच्च गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान करता है। डॉ. उदित चौधरी और उनकी टीम ने अस्पताल को इस क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया है। आयुष्मान और कैशलेस बीमा जैसी सुविधाएं मरीजों के लिए एक बड़ी राहत साबित होती हैं, जिससे वे बिना किसी वित्तीय दबाव के अपना इलाज करवा सकते हैं।

 

अपनों के बेहतरीन इलाज के लिए विजिट करें : आईटीआई, चौक, हरि पैलेस के पीछे, तोशाम रोड, हिसार-125001 या अपना परामर्श बुक करने के लिए 99902-64611, 99924-87111 पर कॉल करें।

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसिज होस्पिटल में PCOD के लक्षण और उपचार


PCOD (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) महिलाओं में एक आम हार्मोनल विकार है जो अनियमित मासिक धर्म, बांझपन और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।



महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसिज (MGIMS) होस्पिटल उत्तर प्रदेश, भारत में एक अग्रणी चिकित्सा संस्थान है जो PCOD के निदान और उपचार में विशेषज्ञता रखता है।


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“स्वास्थ्य की प्राथमिकता: जनरल सर्जरी के साथ संपूर्ण सेवाएं”

महात्मा गांधी अस्पताल, भारत के एक प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान के रूप में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, खासकर आयुष्मान भारत योजना के तहत जनरल सर्जरी के इलाज के लिए। यह योजना भारतीय नागरिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है ताकि वे महंगे इलाजों का लाभ उठा सकें।


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जिगर की बीमारी: जानिए कारण और उपचार

"जिगर की बीमारी" एक सामान्य शब्द है जो अक्सर लिवर रोगों को संकेतित करने के लिए उपयोग होता है। लिवर कई तरह की बीमारियों का केंद्र है, और इसके कारण व्यक्ति जिगर संबंधित समस्याएं अनुभव कर सकता है।

जिगर की बीमारियों के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

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डॉ. रमेश बिश्नोई, कैंसर विशेषज्ञ

गणतंत्र दिवस सामृद्धिक एकता और राष्ट्रभक्ति के साथ नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ने का समय है : डॉ. रमेश बिश्नोई

एंटिक ट्रुथ | हिसार

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईसिंज, तोशाम रोड हरि पैलेस के पीछे स्थित होस्पिटल के डायरेक्टर व शहर के प्रतिष्ठित कैंसर विशेषज्ञ डॉ. रमेश बिश्नोई ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि आज, हम सभी भारतीय एक साथ उन्नति, समृद्धि, और सामरिक न्याय की ऊँचाइयों की दिशा में अग्रसर होने के साथ-साथ गर्व की भावना के साथ गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहे हैं।
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साइटिका लक्षण, बचाव व उपचार

साइटिका एक प्रकार का तीव्र दर्द है जो रीढ़ की हड्डी की सबसे बड़ी तंत्रिका, सायटिक तंत्रिका पर दबाव पड़ने के कारण होता है। यह दर्द आमतौर पर नितंबों से शुरू होता है और पैर के पीछे नीचे की ओर फैलता है। साइटिका के लक्षण निम्नलिखित हैं:

दर्द: साइटिका का सबसे आम लक्षण दर्द है। यह दर्द तेज, इलेक्ट्रिक शॉक जैसा हो सकता है। यह दर्द बैठने, खड़े होने, चलने या खांसने, छींकने या हंसने पर बिगड़ सकता है।

साइटिका दर्द
झुनझुनी: साइटिका पैरों में झुनझुनी और सुन्नता का कारण भी हो सकता है। यह पैर के एक हिस्से या पूरे पैर में हो सकता है।

साइटिका के कारण पैर में झुनझुनी
कमजोरी: साइटिका पैरों की कमजोरी का कारण भी बन सकता है। यह पैर में भारीपन या पैर उठाने में कठिनाई का कारण बन सकता है।

साइटिका के कारण पैर में कमजोरी
सायटिका का सबसे आम कारण रीढ़ की हड्डी में डिस्क की समस्या है। डिस्क रीढ़ की हड्डी के बीच की छोटी, रबर जैसी संरचनाएँ होती हैं। वे रीढ़ की हड्डी को शोक और कंपन से बचाने में मदद करती हैं। यदि डिस्क फट जाती है या विस्थापित हो जाती है, तो यह सायटिक तंत्रिका पर दबाव डाल सकती है, जिससे दर्द और अन्य लक्षणों का कारण बन सकता है।

सायटिका के अन्य संभावित कारणों में शामिल हैं:

रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर
रीढ़ की हड्डी में संक्रमण
रीढ़ की हड्डी में सूजन
गर्भावस्था
सायटिका का इलाज आमतौर पर लक्षणों को कम करने और रीढ़ की हड्डी पर दबाव को कम करने पर केंद्रित होता है। उपचार में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

दर्द निवारक दवाएं: दर्द निवारक दवाएं, जैसे ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक या ओपिओइड, दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं।
फिजिकल थेरेपी: फिजिकल थेरेपी रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता में सुधार और दर्द को कम करने में मदद कर सकती है।
इनजेक्शन: स्टेरॉयड इंजेक्शन रीढ़ की हड्डी पर सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
शस्त्रक्रिया: शायद ही कभी, यदि अन्य उपचार काम नहीं करते हैं, तो रीढ़ की हड्डी में दबाव को कम करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
सायटिका के लिए उपचार की सफलता दर आमतौर पर अच्छी होती है। अधिकांश लोगों को लक्षणों में सुधार होता है और वे कुछ सप्ताह या महीनों में ठीक हो जाते हैं।

सायटिका के कुछ घरेलू उपचार जो लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं उनमें शामिल हैं:

आराम: दर्द और सूजन को कम करने के लिए आराम करना महत्वपूर्ण है।
गर्म या ठंडा संपीड़न: गर्म या ठंडा संपीड़न दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
मालिश: मालिश रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता में सुधार और दर्द को कम करने में मदद कर सकती है।
यदि आपको साइटिका के लक्षण हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर आपके लक्षणों का मूल्यांकन कर सकते हैं और आपके लिए सही उपचार योजना विकसित कर सकते हैं।

आयुष्मान योजना ने गरीब परिवारों के लिए घुटना प्रत्यारोपण जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज को सुलभ और किफायती बना दिया है।

सायटिका के इलाज के लिए, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिज, आईटीआई चौक, हरि पैलेस के पीछे, तोशाम रोड, हिसार या फोन नम्बरों 99902-64611, 99924-87111 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।