सटीकता, देखभाल, रिकवरी – सामान्य सर्जरी में उत्कृष्टता : MGIMS

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (MGIMS), हिसार में जनरल सर्जरी चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई जाती है। यह अस्पताल जटिल और सामान्य सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं और कुशल चिकित्सकों की सेवाएं प्रदान करता है।

डॉ. उदित चौधरी जैसे विशेषज्ञ सर्जन, मरीजों की सुरक्षा और सफल सर्जरी के लिए समर्पित हैं। यहाँ के जनरल सर्जरी विभाग में पेट, हर्निया, अपेंडिक्स, गॉल ब्लैडर, और थाइरोइड से जुड़ी सर्जरी प्रमुख रूप से की जाती हैं।

 

जनरल सर्जरी में विशेषज्ञता

MGIMS, हिसार का जनरल सर्जरी विभाग पेट और आंतों से जुड़ी बीमारियों, पित्ताशय की पथरी, हर्निया, और ट्यूमर जैसी जटिल स्थितियों का सफल इलाज करता है। यहाँ मरीजों की सेहत को प्राथमिकता दी जाती है, और उनके लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। डॉ. उदित चौधरी के नेतृत्व में, सर्जिकल टीम हर मरीज के लिए व्यक्तिगत देखभाल और समर्पण के साथ काम करती है।

 

आयुष्मान और कैशलेस/बीमा की सुविधा

 

MGIMS, हिसार में मरीजों के लिए आयुष्मान भारत योजना और अन्य कैशलेस बीमा सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। यह विशेष सुविधा उन मरीजों के लिए अत्यधिक लाभकारी है, जो आर्थिक दृष्टि से कमजोर होते हैं या जिनके पास स्वास्थ्य बीमा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत योग्य मरीजों को मुफ्त में सर्जिकल सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जिससे उनकी आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं और उन्हें उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवाएं मिलती हैं।

 

कैशलेस बीमा की सुविधा से मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने से लेकर सर्जरी तक का खर्च बीमा द्वारा कवर किया जाता है, जिससे उन्हें इलाज के दौरान आर्थिक चिंताओं से मुक्ति मिलती है। MGIMS का यह प्रयास है कि हर वर्ग के लोग स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें और उन्हें इलाज के दौरान किसी भी प्रकार की वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े।

 

मरीजों की देखभाल और रिकवरी

जनरल सर्जरी के बाद मरीजों की देखभाल MGIMS में अत्यधिक सावधानी और परामर्श के साथ की जाती है। ऑपरेशन से पहले और बाद में मरीजों को आवश्यक मार्गदर्शन और चिकित्सा सहायता प्रदान की जाती है ताकि उनकी रिकवरी प्रक्रिया सुचारू और सुरक्षित हो सके।

 

निष्कर्ष

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिसार जनरल सर्जरी के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक और कुशल चिकित्सकों के साथ मरीजों को उच्च गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान करता है। डॉ. उदित चौधरी और उनकी टीम ने अस्पताल को इस क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया है। आयुष्मान और कैशलेस बीमा जैसी सुविधाएं मरीजों के लिए एक बड़ी राहत साबित होती हैं, जिससे वे बिना किसी वित्तीय दबाव के अपना इलाज करवा सकते हैं।

 

अपनों के बेहतरीन इलाज के लिए विजिट करें : आईटीआई, चौक, हरि पैलेस के पीछे, तोशाम रोड, हिसार-125001 या अपना परामर्श बुक करने के लिए 99902-64611, 99924-87111 पर कॉल करें।

पिताशय की पथरी का इलाज – महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिसार

पिताशय की पथरी (Gallbladder Stone)

एक सामान्य समस्या है, जिसमें पिताशय में ठोस पदार्थ जमा होकर पथरी का निर्माण करते हैं। यह समस्या अक्सर पेट के दाईं तरफ तेज दर्द, जी मिचलाना, उल्टी, पाचन संबंधी समस्याएं, और त्वचा और आंखों में पीलापन (पीलिया) जैसे लक्षणों से प्रकट होती है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह जटिलताओं का कारण बन सकता है।

 

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (MGIMS), हिसार में पिताशय की पथरी का अत्याधुनिक और सुरक्षित इलाज उपलब्ध है।

 

यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम द्वारा अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक तकनीकें जैसे अल्ट्रासाउंड और अन्य जांच विधियों का उपयोग करके पथरी की सटीक स्थिति का पता लगाया जाता है।

 

छोटी पथरियों के लिए मेडिसिन के जरिए इलाज संभव हो सकता है, लेकिन बड़ी पथरियों के मामलों में सर्जरी आवश्यक हो सकती है। MGIMS में लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी (Laparoscopic Cholecystectomy) का सफलतापूर्वक उपयोग किया जाता है, जो एक न्यूनतम आक्रामक सर्जरी होती है।

 

इस सर्जरी में छोटे चीरे लगाकर पथरी को हटाया जाता है, जिससे मरीज को जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है और अस्पताल में कम समय बिताना पड़ता है।

 

MGIMS, हिसार में विशेषज्ञता और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ, मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाती हैं। यहाँ का वातावरण और अनुभवी चिकित्सक आपकी समस्या का समग्र समाधान सुनिश्चित करते हैं।

 

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिज, हिसार पर आयुष्मान और कैशलेस/बीमा की सुविधा उपलब्ध है।

 

अपनों के बेहतरीन इलाज के लिए विजिट करें : आईटीआई, चौक, हरि पैलेस के पीछे, तोशाम रोड, हिसार-125001 या अपना परामर्श बुक करने के लिए 99902-64611, 99924-87111 पर कॉल करें।

 

फिजियोथैरेपी का महत्व और इलाज | महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिसार

फिजियोथैरेपी एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो शरीर की मांसपेशियों, जोड़ों और हड्डियों की समस्याओं को ठीक करने के लिए प्राकृतिक और गैर-सर्जिकल तरीके अपनाती है। महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिसार (MGIMS) में फिजियोथैरेपी विशेषज्ञ अत्याधुनिक तकनीक और व्यक्तिगत देखभाल के साथ मरीज़ों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करते हैं।

 

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अर्थोस्कोपी सर्जरी: महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिसार में आधुनिक उपचार

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिसार (MGIMS) आधुनिक चिकित्सा तकनीकों का केंद्र है, जहां अत्याधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इस अस्पताल में होने वाली अर्थोस्कोपी सर्जरी एक ऐसी तकनीक है, जो जोड़ों से संबंधित समस्याओं का निदान और उपचार करने के लिए बेहद प्रभावी और न्यूनतम आक्रामक होती है।

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किडनी की सुरक्षा, स्वस्थ जीवन की गारंटी : MGIMS, Hisar

किडनी हमारे शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण अंग हैं, जो खून को फिल्टर करके अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने और शरीर के इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखने में मदद करती हैं। जब किडनी सही से काम नहीं करतीं, तो इसे किडनी की खराबी या गुर्दा रोग कहते हैं। यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ सकती है और समय पर इलाज न मिलने पर गंभीर रूप ले सकती है। इसलिए, किडनी की खराबी के लक्षणों को जानना और सही इलाज करना बहुत महत्वपूर्ण है।

किडनी के खराब होने के लक्षण


थकान और कमजोरी : किडनी के खराब होने का सबसे सामान्य लक्षण है अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस करना। इसका कारण किडनी द्वारा शरीर में टॉक्सिन्स को सही तरीके से बाहर न निकाल पाना है, जिससे शरीर में विषैले पदार्थ जमा हो जाते हैं और ऊर्जा स्तर गिर जाता है।

मूत्र में बदलाव : किडनी की समस्या होने पर मूत्र में बदलाव देखने को मिलता है, जैसे कि मूत्र की मात्रा में कमी या बढ़ोतरी, रंग में परिवर्तन, झागदार मूत्र, या बार-बार पेशाब लगना।

सूजन (एडिमा) : किडनी के खराब होने पर शरीर में सोडियम और पानी जमा होने लगता है, जिससे पैरों, टखनों, चेहरे और हाथों में सूजन आ जाती है।

त्वचा पर खुजली और ड्राईनेस : किडनी सही से काम नहीं कर पाती तो शरीर में अपशिष्ट पदार्थ जमा होने लगते हैं, जिससे त्वचा पर खुजली और ड्राईनेस हो सकती है।

भूख न लगना और उल्टी : किडनी की खराबी के कारण भूख न लगना, जी मिचलाना और उल्टी जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।

सांस फूलना : शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा होने के कारण फेफड़ों में सूजन आ सकती है, जिससे सांस फूलने की समस्या हो सकती है।

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प्रसूति एवं स्त्री रोग: महिलाओं की सेहत का संपूर्ण समाधान

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गरिमा सिंगला महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक संपूर्ण समाधान प्रदान करने में अग्रणी हैं। प्रसूति एवं स्त्री रोग (Obstetrics & Gynecology) चिकित्सा विज्ञान की वह शाखा है जो महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित है। यह गर्भावस्था, प्रसव, प्रसवोत्तर देखभाल, मासिक धर्म संबंधी विकार, गर्भाशय और अंडाशय की बीमारियों के इलाज पर केंद्रित है।

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