महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल में फिजियोथैरेपी उपचार









🩺 महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एमजीआईएमएस) अस्पताल में एक पूर्ण रूप से सुसज्जित फिजियोथैरेपी विभाग है जो रोगियों को विभिन्न प्रकार की शारीरिक चोटों और बीमारियों से उबरने में मदद करता है। यह विभाग योग्य और अनुभवी फिजियोथेरेपिस्टों की एक टीम द्वारा संचालित होता है जो रोगियों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार उपचार योजनाएं विकसित करते हैं।




✅  एमजीआईएमएस फिजियोथैरेपी विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं:


🩺 दर्द प्रबंधन: पीठ दर्द, गठिया, खेल से संबंधित चोटें, सर्जरी के बाद का दर्द इत्यादि।




🩺 पुनर्वास: स्ट्रोक, मस्तिष्क पक्षाघात, रीढ़ की हड्डी की चोट, शल्य चिकित्सा के बाद का पुनर्वास, ऑर्थोपेडिक सर्जरी के बाद का पुनर्वास इत्यादि।




🩺 शारीरिक गतिशीलता में सुधार: जोड़ों की गतिशीलता में वृद्धि, संतुलन और समन्वय में सुधार, चाल में सुधार इत्यादि।




🩺 कमजोरी और गतिहीनता का प्रबंधन: मांसपेशियों की कमजोरी, न्यूरोलॉजिकल विकार, वृद्धावस्था इत्यादि।


🩺 खेल से संबंधित चोटों का प्रबंधन: मोच, खिंचाव, टूटना, संयुक्त चोटें इत्यादि।




✅ एमजीआईएमएस फिजियोथैरेपी विभाग में उपलब्ध उपचार:




🩺 व्यायाम: रोगियों को मजबूत बनाने, लचीलापन बढ़ाने और गतिशीलता में सुधार करने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम निर्धारित किए जाते हैं।




🩺 भौतिक चिकित्सा: इसमें गर्मी, ठंड, अल्ट्रासाउंड, और विद्युत उत्तेजना जैसी तकनीकों का उपयोग दर्द को कम करने, सूजन को कम करने और ऊतक उपचार को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।




🩺 मैनुअल थेरेपी: फिजियोथेरेपिस्ट जोड़ों और मांसपेशियों में गतिशीलता और कार्य को बेहतर बनाने के लिए हाथों से तकनीकों का उपयोग करते हैं।




🩺 टेपिंग और ब्रेसिंग: टेप और ब्रेस का उपयोग जोड़ों को सहारा देने, दर्द को कम करने और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है।




🩺 सुई: यह मांसपेशियों के तनाव और दर्द को कम करने के लिए एक प्रभावी तकनीक हो सकती है।




✅ एमजीआईएमएस फिजियोथैरेपी विभाग का लाभ:




🩺 अनुभवी फिजियोथेरेपिस्ट: विभाग में योग्य और अनुभवी फिजियोथेरेपिस्टों की एक टीम है जो रोगियों को सर्वोत्तम संभव देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।




🩺 आधुनिक सुविधाएं: विभाग में नवीनतम उपकरणों और तकनीकों से सुसज्जित है जो रोगियों को प्रभावी उपचार प्रदान करने में मदद करते हैं।




🩺 व्यक्तिगत देखभाल: फिजियोथेरेपिस्ट प्रत्येक रोगी के साथ मिलकर काम करते हैं ताकि उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के लिए एक उपचार योजना विकसित की जा सके।




🩺 सहयोगात्मक दृष्टिकोण: फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के साथ मिलकर काम करते हैं ताकि रोगियों को सर्वोत्तम संभव देखभाल प्रदान की जा सके।




✅ अधिक जानकारी के लिए:

☎️ फोन: +91-99902-64611, +91-99924-87111

✅ वेबसाइट: https://www.mgimsharyana.com




उचित इलाज के लिए तुरंत आप महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिज, आईटीआई चौक, हरि पैलेस के पीछे, तोशाम रोड, हिसार में विजिट करें चिकित्सक से सलाह लें और उनकी दिशा निर्देशों का पालन करें।







महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसिज होस्पिटल में PCOD के लक्षण और उपचार


PCOD (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) महिलाओं में एक आम हार्मोनल विकार है जो अनियमित मासिक धर्म, बांझपन और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।



महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसिज (MGIMS) होस्पिटल उत्तर प्रदेश, भारत में एक अग्रणी चिकित्सा संस्थान है जो PCOD के निदान और उपचार में विशेषज्ञता रखता है।


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लीवर कैंसर: अत्याधुनिक तकनीक, बेहतरीन परिणाम

लीवर कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसमें लीवर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। यह भारत में मौत का एक प्रमुख कारण है। लीवर कैंसर के शुरुआती चरणों में अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, लेकिन जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

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महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज: बाल चिकित्सा देखभाल

Mahatma Gandhi Institute of Medical Sciences: Pediatric Care
✅ महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एमजीआईएमएस) बच्चों की देखभाल में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। यह बच्चों के स्वास्थ्य को समर्पित एक विशेषज्ञ अस्पताल है, जो नवजात शिशुओं से लेकर किशोरों तक सभी आयु वर्ग के बच्चों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करता है।


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“स्वास्थ्य की प्राथमिकता: जनरल सर्जरी के साथ संपूर्ण सेवाएं”

महात्मा गांधी अस्पताल, भारत के एक प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान के रूप में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, खासकर आयुष्मान भारत योजना के तहत जनरल सर्जरी के इलाज के लिए। यह योजना भारतीय नागरिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है ताकि वे महंगे इलाजों का लाभ उठा सकें।


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पित की थैली कैंसर: लक्षण और उपचार






🩺 Gallbladder Cancer: Symptoms and Treatment


पित की थैली कैंसर एक गंभीर रोग है जो धीरे-धीरे विकसित होता है और पित की थैली के ऊतकों में कैंसर की उत्पत्ति को उत्पन्न करता है। यह रोग अक्सर शुरूआत में लक्षणों की कमी व अज्ञानता के कारण अधिकांश लोगों को पता नहीं चल पाता है।








🩺 पित्ताशय कैंसर के लक्षण:

✅ पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में दर्द

✅ भूख न लगना

✅ मतली और उल्टी

✅ वजन कम होना

✅ थकान

✅ पेट में सूजन

✅ पीलिया (त्वचा और आंखों का पीलापन)

✅ बुखार


🩺 महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसिज, हिसार (MGIMS) एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान है जो आयुष्मान योजना के तहत पित की थैली कैंसर के उपचार की सुविधा प्रदान करता है। यहाँ प्रमुखतः नवीनतम चिकित्सा तरीकों का उपयोग किया जाता है ताकि रोगियों को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवा मिल सके।


🩺 उपचार के संदर्भ में, MGIMS में विशेषज्ञ चिकित्सक टीम उपलब्ध होती है जो पेट की कैंसर की रोगी की पूरी जांच करती है और उनके लिए सबसे उपयुक्त उपचार योजना तैयार करती है। इसमें कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, और अन्य चिकित्सा प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं। उपचार के अलावा, मरीजों के लिए मानसिक सहायता भी प्रदान की जाती है ताकि उन्हें इस मुश्किल समय में साथीदारी मिले।

🩺 पित्ताशय कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो पित्ताशय में विकसित होती है। यह कैंसर भारत में अपेक्षाकृत कम देखा जाता है, लेकिन यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होता है।


🩺 पित्ताशय कैंसर का उपचार:

✅ पित्ताशय कैंसर का उपचार रोग की अवस्था और रोगी के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। उपचार के मुख्य विकल्पों में शामिल हैं:

✅शल्य चिकित्सा: यह सबसे आम उपचार है, जिसमें पित्ताशय को हटा दिया जाता है।

✅ कीमोथेरेपी: यह दवाओं का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने का उपचार है।

✅ रेडिएशन थेरेपी: यह उच्च ऊर्जा वाले एक्स-रे या प्रोटॉन का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने का उपचार है।




आयुष्मान योजना में पित्ताशय कैंसर के उपचार:

🩺 आयुष्मान योजना एक सरकारी योजना है जो गरीब परिवारों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करती है। इस योजना के तहत, पित्ताशय कैंसर के उपचार के लिए निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध हैं:


✅ शल्य चिकित्सा: आयुष्मान योजना के तहत पित्ताशय कैंसर के लिए शल्य चिकित्सा का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाता है।


कीमोथेरेपी: आयुष्मान योजना के तहत कीमोथेरेपी का खर्च भी सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

✅ रेडिएशन थेरेपी: आयुष्मान योजना के तहत रेडिएशन थेरेपी का खर्च भी सरकार द्वारा वहन किया जाता है।


✅ पित्ताशय कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है। यदि आपको पित्ताशय कैंसर के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आयुष्मान योजना गरीब परिवारों को पित्ताशय कैंसर के उपचार के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करती है।


🩺 यदि आपको पिताशय कैंसर है या लक्षण है तो तुरंत आप महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिज, आईटीआई चौक, हरि पैलेस के पीछे, तोशाम रोड, हिसार में विजिट करें कैंसर विशेषज्ञ डॉ. रमेश बिश्नोई से सलाह लें और उनकी दिशा निर्देशों का पालन करें।

☎️ आप फोन नम्बरों 99902-64611, 99924-87111 पर भी सम्पर्क कर परामर्श कर सकते हैं। हम आपकी सहायता करने के लिए हमेशा तत्पर हैं।





गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का पहला चुनाव: विशेषज्ञ सेवाएं और सहायता MGIMS होस्पिटल में

आयुष्मान भारत योजना गर्भवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण सेवाओं को प्रदान करती है, जिसमें महात्मा गांधी हॉस्पिटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसिज, हिसार (MGIMS) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। MGIMS गर्भवती महिलाओं को उच्च-गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए विशेष रूप से जाना जाता है।

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जोड़ों के दर्द को भूलाएं, जीवन को सुखद बनाएं

आयुष्मान भारत योजना एक सरकारी स्वास्थ्य योजना है जो भारत सरकार द्वारा लॉन्च की गई है। इस योजना के तहत, गरीबी रेखा के नीचे आने वाले भारतीय नागरिकों को मुफ्त और सबसे उपयुक्त स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच प्रदान की जाती है।
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ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को पहचानें और इलाज शुरू करें


ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं का समूह होता है। यह कैंसरग्रस्त या गैर-कैंसरग्रस्त (सौम्य) हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के किसी भी हिस्से में शुरू हो सकते हैं और किसी भी उम्र में हो सकते हैं। वे पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक आम हैं।



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‘स्वस्थ’ नाक, ‘कान’ ‘गला’, खुशहाल जीवन का आधार!


नाक, कान और गले (ईएनटी) के रोगों का उपचार कई तरीकों से किया जा सकता है, जो रोग की गंभीरता और प्रकार पर निर्भर करता है।



कुछ सामान्य उपचारों में शामिल हैं:




🩺 दवाएं:



एंटीबायोटिक्स: जीवाणु संक्रमण के इलाज के लिए, जैसे कि कान का संक्रमण, साइनस संक्रमण, या गले में खराश।



एंटीहिस्टामाइन्स: एलर्जी के लक्षणों को कम करने के लिए, जैसे कि नाक बहना, छींक आना, या खुजली।




कॉर्टिकोस्टेरॉइड: सूजन को कम करने के लिए, जैसे कि साइनसाइटिस या एलर्जी के कारण नाक बंद होना।



डिकॉन्गेस्टेंट: नाक बंद होने और सांस लेने में तकलीफ को कम करने के लिए।



 दर्द निवारक: दर्द और सूजन को कम करने के लिए, जैसे कि कान में दर्द या गले में खराश।




🩺 घरेलू उपचार:



 आराम: पर्याप्त आराम करना महत्वपूर्ण है, खासकर यदि आपको बुखार या थकान है।




 तरल पदार्थों का सेवन: खूब सारे तरल पदार्थ पीना, जैसे कि पानी, सूप, या जूस, नाक और गले के श्लेष्मा को पतला करने में मदद कर सकता है।



 गरारे करना: गर्म नमक के पानी से गरारे करना गले में खराश को कम करने में मदद कर सकता है।




 भाप लेना: भाप लेने से नाक बंद होने और सांस लेने में तकलीफ को कम करने में मदद मिल सकती है।



 नमक का पानी: नाक की नलियों को साफ करने के लिए नमक के पानी का घोल नाक में डाल सकते हैं।




🩺 अन्य उपचार:



 सर्जरी: कुछ मामलों में, सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, जैसे कि टॉन्सिल को हटाना, कान के पर्दे की मरम्मत करना, या नाक की हड्डी को सीधा करना।



 फिजियोथेरेपी: कान या गले की सर्जरी के बाद, फिजियोथेरेपी गति और कार्य को बहाल करने में मदद कर सकती है।




 यह महत्वपूर्ण है कि आप किसी भी नाक, कान और गले की समस्या के लिए महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिज, आईटीआई चौक, हरि पैलेस के पीछे, तोशाम रोड, हिसार में विजिट करें चिकित्सक से सलाह लें और उनकी दिशा निर्देशों का पालन करें। ताकि वे आपके रोग का सही निदान कर सकें और आपको उचित उपचार दे सकें।




🩺 आप फोन नम्बरों 99902-64611, 99924-87111 पर भी सम्पर्क कर परामर्श कर सकते हैं। हम आपकी सहायता करने के लिए हमेशा तत्पर हैं।